कैसे, जानने के लिए नीचे पढ़ें.....
1. अपने सांसद आदि, जनसेवक को सार्वजानिक, अपने वोटर नंबर के साथ नागरिक-प्रामाणिक निर्देश देने का हर नागरिक / मतदाता का कर्तव्य
यदि कोई मालिक अपने कर्मचारियों को कोई भी निर्देश नहीं देता, तो किसकी गलती है ? मालिक की गलती है या कर्मचारी की गलती ?
इसका उत्तर जाहिर है. यदि मालिक निर्देश नहीं देता और कर्मचारी अपने अनुसार कार्य करता है, तो फिर कर्मचारी को दोषी नहीं कह सकते. लेकिन, यदि मालिक ने उचित निर्देश दिए थे लेकिन कर्मचारी ने निर्देशों का सही से पालन नहीं किया, तो कर्मचारी को दोषी कहा जा सकता है.
⊗ इसी प्रकार, यदि किसी क्षेत्र के बहुमत नागरिक-मतदाताओं ने अपने सांसद, विधायक, पार्षद आदि जनसेवक के लिए, अपने वोटर नंबर के साथ, सार्वजानिक, उचित निर्देश नहीं रखे, तो उन नागरिकों का दोष है, जनसेवक का नहीं.
⊗ यदि बहुमत नागरिकों ने एस.एम.एस, ट्विट्टर, सादे कागज़ पर या एक्सेल शीट पर, इन्टरनेट पर, सार्वजनिक, अपने वोटर नंबर के साथ, नागरिक-प्रामाणिक रूप से उचित निर्देश रखे हैं और फिर भी जनसेवक ने उन निर्देशों को लागू नहीं किया और न ही निर्देशों को लागू न करने का कोई कारण बताया, तो जनसेवक की पोल पब्लिक में सबूत के साथ खुल जायेगी.
हमारे जनसेवकों को चुनने के बाद, बहुमत नागरिक-मतदाताओं को अपने क्षेत्र के जनसेवक / अफसरों को उचित निर्देश देना चाहिए ताकि जनसेवक सही से कम कर पाएं और अपने क्षेत्र के लोगों की समस्याओं का समाधान कर पाएं. इसीलिए, हम मुंबई के नागरिक-मतदाताओं के लिए एक अभियान शुरू कर रहे हैं जिसमें नागरिक-मतदाता सांसद, विधायक, आदि जनसेवकों को एस.एम.एस. आदि द्वारा आदेश भेजेंगे. हमने इस प्रयोजन से कुछ जनहित के समाधान-ड्राफ्ट के लिए, साईट पर कोड-एस.एम.एस. भी पंजीकृत किये हैं. नागरिक ये एस.एम.एस.-कोड साईट को भेजेंगे और उससे बना डाटा जनसेवक से मांग की समर्थन संख्या नागरिक-प्रामाणिक होगा.
जो मुंबई के मतदाता नहीं हैं, जनहित प्रक्रियाओं का समर्थन करने के लिए कृपया smstoneta.com का प्रयोग करें. दूसरे कार्यकर्ता भी अपने जिले के मतदाताओं के लिए इसी प्रकार के सिस्टम शुरू कर सकते हैं.
साईट पर पंजीकृत मुद्दों पर नागरिकों का समर्थन या विरोध वेबसाईट पर नागरिकों के वोटर आई.डी. नंबर के साथ दिखाया जायेगा. वोटर आई.डी. नंबर के डाटा से कोई भी नागरिक वोटर आई.डी नंबर का एक सैम्पल लेकर, उनका एड्रेस निकाल कर, उन व्यक्तियों को स्वयं संपर्क करके पता लगा सकता है कि राय वाला डाटा सही है या गलत. मतलब ये वोटर आई.डी. इन्टरनेट डाटा जो नागरिकों के एस.एम.एस भेजने से बनेगा, वो नागरिक-प्रमाणिक होगा. (रजिस्टर किये हुए एस.एम.एस-कोड के लिए ये लिंक देखिये - mumbaichaawaz.com/hindi/showissue.php)
जिनके पास वोटर नंबर नहीं है, वे भी इस ईमानदार सिस्टम का डेमो देख सकते हैं केवल एक कोड-एस.एम.एस भेज कर. अपंजीकृत राय इस लिंक पर दिखाई जाती हैं - (जहाँ राय भेजने वाले के मोबाइल के अंतिम पांच अंक उसकी राय के साथ दिखाया जाता है) और पंजीकृत राय इस लिंक पर देखे जा सकते हैं.
यदि किसी क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में लोगों ने इन प्रस्तावित प्रक्रियाओं का वोटर आई.डी. नंबर प्रमाण के साथ इन्टरनेट पर सार्वजानिक समर्थन दिखाया और अपने जनसेवक से मांग किया तो उस क्षेत्र में ये प्रक्रियाएँ आ जाएँगी और उस क्षेत्र में भ्रष्टाचार, अपराध कम हो जायेगा.
2. क्यों मुंबई के नागरिक-मतदाताओं को इस कानून की सबसे ज्यादा जरुरत है ?
भारतीय राज व्यवस्था में सबसे बड़ा दोष यह है कि नागरिकों के पास शासकों के सम्मुख अपनी स्पष्ट मांग संगठित रूप से रखने की कोई नागरिक-प्रामाणिक प्रक्रिया नहीं है.
उच्च वर्ग के लोग अपने संपर्क द्वारा अपनी कोई बात जनता के सामने रखना चाहे तो वे ऐसा मिडिया के माध्यम से आसानी से कर सकते हैं, किन्तु यदि जनता अपनी कोई मांग या सुझाव शासन के सम्मुख रखना चाहे तो उन्हें अनशन, धरने, विरोध प्रदर्शन, हस्ताक्षर अभियान, ज्ञापन, रास्ता जाम, नारेबाजी आदि असंगठित तरीकों को अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ता है. किन्तु इन सब तरीकों से कोई 'नागरिक प्रमाणिक' प्रमाण पैदा नहीं होता, मतलब कोई भी नागरिक स्वयं जांच सके, ऐसा प्रमाण नहीं मिल पाता कि कितने नागरिक अमुक विषय के समर्थन या विरोध में हैं .
नागरिक-प्रामाणिक नहीं होने से इन प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता नहीं होती और नागरिक या अफसर कोई स्पष्ट निष्कर्ष पर नहीं आ पाते. इस प्रकार, ईमानदार अफसर नागरिक-मतदाताओं के अनुसार अपना कार्य नहीं कर पाते और बे-ईमान अफसर आसानी से ये कहकर फिसल जाते हैं कि `समर्थन हस्ताक्षर आदि प्रामाणिक नहीं हैं` या `हम इस मुद्दे को देखेंगे. अभी हम और बहुत जरुरी काम कर रहे हैं.`
3. सभी नागरिकों को अपने प्रिय नेता या जनसेवक से पब्लिक एस.एम.एस गिनती सर्वर की मांग करनी चाहिए क्योंकि ये सभी मुद्दों का बढ़ावा करता है
अपनी माँगों के लिए एस.एम.एस./ट्विट्टर-निर्देश भेजने के अलावा अपने सांसद या जनसेवक या आपके क्षेत्र के उम्मीदवार को यह एस.एम.एस./ट्विट्टर-निर्देश भी भेजें कि अपने पब्लिक मोबाइल नंबर को प्रोग्राम द्वारा अपनी वेबसाईट से लिंक करके एक जनता की राय के लिए एस.एम.एस./ट्विट्टर सर्वर बनाएँ. ताकि एस.एम.एस. के द्वारा सांसद को भेजी गई नागरिकों की राय, जनसेवक की वेबसाइट पर वोटर आई.डी. के साथ आये और सभी जनता की राय को देख सकें और उसे स्वयं जांच सकें.
एस.एम.एस./ट्विट्टर-निर्देश में ये भी बोलें कि ऐसे सर्वर को बनाने के लिए केवल कुछ ही दिन लगेंगे और यदि जनसेवक ने जनता के लिए ऐसा पब्लिक एस.एम.एस./ट्विट्टर-सर्वर नहीं बनाया, तो फिर आप उनके लिए या उनके पार्टी के लिए वोट नहीं करेंगे.
इस सिस्टम की एक बड़ी बात है नागरिकों के लिए सुरक्षा-धारा कि उनके पास अधिकार है कि वे किसी भी दिन अपनी राय बदल सकते हैं, जिससे ये सिस्टम पैसों से खरीदा नहीं जा सकता, गुंडों और मीडिया द्वारा प्रभावित नहीं किया जा सकता. इस सिस्टम को राजपत्र में भी छापा जा सकता है और उस सन्दर्भ में इसे `नागरिकों का जांचा जा सकने वाला मीडिया` या पारदर्शी शिकायत-प्रस्ताव प्रणाली या टी.सी.पी. (ट्रांसपेरेंट कंप्लेंट प्रोसीजर) भी बोला जाता है.
यह सांझी माँग करके हम सभी नागरिक एक साझा मंच पर आ सकते हैं तथा एक जुट हो सकते हैं. इसके लिए, नागरिकों को केवल दो एस.एम.एस. भेजने हैं. ये जानने के लिए कि एस.एम.एस कैसे भेजे जा सकते हैं और कहाँ एस.एम.एस भेजने हैं, कृपया पढ़ें यहाँ.
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